kaal sarp dosh nivaaran pooja kyon karavaanee chaahie ?
मै नहीं कहता की आपको काल सर्प दोष पूजा ही करवानी चाहिए, कौन सी पूजा करवानी चाहिए या नहीं करवानी चाहिए ये पूरी तरह से आपकी श्रद्धा और समस्या पर निर्भर है, जैसे आपने भी सुना होगा की किसी भी नए काम को करने से पहले गणेश जी की पूजा करो, अगर काम में बहुत समस्या आती हो तो हनुमान जी की पूजा करो, या गुस्सा ज्यादा आता हो तो भगवान शिवजी का पूजन करो, ऐसे ही बहुत सी मान्यताये है, तो पूजा किसी के कहने से नहीं करवानी चाहिए, वल्कि अपनी श्रद्धा के आधार पर करवानी चाहिए
अब हम आपको ये बताते है की, आखिर काल सर्प दोष है क्या, जैसा की हम सब जानते है की राहु और केतु दो दैत्य थे, जो की समुद्र मंथन के बाद निकले अमृत का बंटवारा किये जाने पर चुपके से देवताओ के बीच बैठ गया था, और जब भगवान अमृत पीला रहे थे तो उसने भी पी लिया था, जिसे चंद्र एवं सूर्य देव ने देख लिया था और भगवान को बता दिया था, और भगवान से सुदर्शन चक्र से उसके दो टुकड़े कर दिए थे, तभी से राहु और केतु सूर्य और चन्द्रमा के शत्रु बन गए थे, और इसी कारण चंद्र ग्रहण और सूर्यग्रहण पड़ने लगे थे।
सब आप पूछ सकते है की काल सर्प दोष पूजा का इस कहानी से क्या लेना देना है, बिलकुल लेना है, सूर्य उन्नति के देवता है जबकि चन्द्रमा पारिवारिक सुख शांति का और अगर यही दोनों ग्रह सही स्थिति में न हो तो मनुस्य के साथ उसका भाग्य उतना सकारत्मक असर नहीं दिखाता है जितना दिखाना चाहिए और इसका कारण होता है दोनों ग्रहो का राहु और केतु के मद्य में होना।
सभी प्रमुख ग्रहो का राहु और केतु के मध्य में होना एक सर्प आकृति में परिवर्तित हो जाती है और व्यवसाय या रोजगार में उन्नति न होना और घर में परेशानी और बिमारिओ का होना काल के समान ही है, इसीकारण इस स्थिति को काल सर्प yog या कालसर्प दोष कहते है, अब इन गहो की स्थिति बदली नहीं जा सकती है, लेकिन जैसे भगवान ने अप्सरा के श्राप को अर्जुन के लिए एक वरदान बना दिया था उसी प्रकार कालसर्प दोष निवारण पूजन से बुरी स्थिति भी सकारत्मक फल दी वाली बन जाती है।
उज्जैन को विक्रमादित्य की नगरी होने का गौरव प्राप्त है और यहाँ स्वयं महाकाल विराजमान है, साथ ही यहाँ से कर्क रेखा भी निकली है जिसपर मंगलनाथ मंदिर स्थित है और निर्मल पावनि छिप्रा नदी भी है, इसलिए यहाँ पर काल सर्प दोष निवारण पूजा विशेष महत्त्व की है।
यहाँ के विद्वान ब्राह्मण रुद्राभिषेक करते है, महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी करते है, मनगल दोष निवारण पूजा करते है जो की सम्पूर्ण विश्व में सिर्फ यही होती है, हमारी वेबसाइट के माध्यम से आप निम्न सेवाएं के लिए सम्पर्क कर सकते है।
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